ITEP Teacher Course: शिक्षण क्षेत्र में करियर के नए अवसर शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। अभी तक सरकारी स्कूलों में टीचर बनने के लिए बीएड (B.Ed) कोर्स करना अनिवार्य था, लेकिन नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत इस प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में घोषणा की है कि 4 वर्षीय एकीकृत बीएड कोर्स (B.Ed Integrated Course) को बंद किया जाएगा और उसकी जगह ITEP (Integrated Teacher Education Program) को लागू किया जाएगा।
अब, जो छात्र 12वीं पास कर चुके हैं, वे सीधे ITEP कोर्स में प्रवेश लेकर शिक्षक बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। यह नई व्यवस्था वर्ष 2025-2026 से लागू होगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य एक ऐसा शिक्षण कार्यक्रम तैयार करना है, जो शिक्षा के विभिन्न स्तरों—फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी—के लिए योग्य शिक्षक तैयार कर सके।
ITEP कोर्स का महत्व और खासियत
ITEP कोर्स नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को न केवल विषयों में पारंगत बनाना है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, भाषाओं और मूल्यों की गहरी समझ भी प्रदान करना है। इसके अंतर्गत, छात्रों को शिक्षाशास्त्र (Pedagogy) के नए सिद्धांतों और प्रथाओं से भी अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा, यह कोर्स छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और स्कूली शिक्षा में प्रायोगिक अनुभव भी प्रदान करेगा, जो उन्हें बेहतर शिक्षक बनने में मदद करेगा।
ITEP Teacher Course Highlights
पहलू | विवरण |
---|---|
संगठन | राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) |
कोर्स का नाम | इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) |
शैक्षणिक सत्र | 2025-2026 |
योग्यता | 12वीं पास (50% न्यूनतम अंक) |
प्रवेश परीक्षा | CUET, LPU, CET |
कोर्स की अवधि | 4 वर्ष |
कोर्स की भाषा | हिंदी और अंग्रेजी |
शुल्क | ₹50,000 से ₹2,50,000 तक |
प्रवेश प्रक्रिया | मेरिट आधार पर |
ITEP Teacher Course: पात्रता और प्रवेश प्रक्रिया
ITEP कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है। इसके लिए छात्रों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50% अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। आरक्षित श्रेणी (SC/ST) के छात्रों को इसमें विशेष छूट दी गई है। प्रवेश प्रक्रिया में CUET या अन्य संबंधित प्रवेश परीक्षाओं के अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी।
प्रवेश लेने वाले छात्रों को ITEP कोर्स में भारतीय शिक्षा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं, जैसे शिक्षाशास्त्र, भारतीय संस्कृति, लोकाचार, और आधुनिक शिक्षण तकनीकों का विस्तृत ज्ञान दिया जाएगा।
ITEP कोर्स के फायदे
- त्वरित शिक्षक प्रशिक्षण: 12वीं के बाद सीधे प्रवेश लेकर सिर्फ 4 वर्षों में शिक्षक बन सकते हैं।
- प्रैक्टिकल अनुभव: छात्रों को स्कूल में प्रायोगिक प्रशिक्षण और शिक्षा से जुड़ी वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव मिलेगा।
- व्यापक पाठ्यक्रम: कोर्स में भारतीय मूल्यों और संस्कृति के साथ-साथ शिक्षा के नवीनतम सिद्धांत भी शामिल हैं।
- स्नातक डिग्री के साथ बीएड की सुविधा: ITEP कोर्स के अंतर्गत छात्रों को स्नातक डिग्री के साथ शिक्षण में विशेषज्ञता भी प्राप्त होगी।
ITEP कोर्स के नुकसान
ITEP कोर्स के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं:
- शुल्क अधिक होना: यह कोर्स 4 वर्षीय B.Ed की तुलना में थोड़ा महंगा हो सकता है।
- पुरानी डिग्री की सीमित मान्यता: 2030 के बाद, 4 वर्षीय बीएड कोर्स की मान्यता समाप्त हो जाएगी।
ITEP बनाम 2 वर्षीय B.Ed कोर्स
वर्तमान में 2 वर्षीय B.Ed कोर्स को बंद करने की कोई योजना नहीं है। यह कोर्स उच्च स्तर (जैसे सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी) के शिक्षकों के लिए मान्य रहेगा। हालांकि, 2030 के बाद 4 वर्षीय B.Sc. B.Ed और B.A. B.Ed को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: ITEP कोर्स कब से शुरू होगा?
A1: ITEP कोर्स शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से शुरू होगा।
Q2: क्या ITEP कोर्स 2 वर्षीय B.Ed कोर्स की जगह लेगा?
A2: नहीं, ITEP केवल 4 वर्षीय B.Ed कोर्स की जगह लेगा। 2 वर्षीय B.Ed कोर्स अभी भी जारी रहेगा।
Q3: ITEP कोर्स में प्रवेश के लिए कौन-सी परीक्षा देनी होगी?
A3: छात्रों को CUET, LPU, या CET जैसी प्रवेश परीक्षाएं देनी होंगी।
Q4: ITEP कोर्स की फीस कितनी है?
A4: ITEP कोर्स की फीस ₹50,000 से ₹2,50,000 तक हो सकती है।
Q5: ITEP कोर्स करने से क्या लाभ होगा?
A5: यह कोर्स छात्रों को शिक्षण में स्नातक डिग्री के साथ-साथ शिक्षण प्रथाओं का व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान करता है।